मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हाथ पर्ची हाथ लेलकै
दादा लिखल पर्ची हाथ लेलकै
सिंघलदीप भागल हजमा जाइये
काते करोट हजमा चीठी गिरबैय
चीठी गिरा हजमा भगलै
चीठीया गिरा के छौड़ा जखनी भागि गेलै यौ।।
चीठीया उठाके राजा सूरजा पढ़ैय
तरबा लहरिया मगज पर चढ़लैय
सभ पलटन के ऑडर दै छै
कोन चोरबा महिसौथा से एलौ
जुलुम बीतल ड्योढ़ी परमे
चीठी गिराके ड्योढ़ी पर भागल
केना के चोरबा सिंघलदीप से भगलऽ
जल्दी पकड़ि के अगुआ के लबिअ
हाजत घरमे हड्डी गला देबौ यौ।