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हाथ में मेहंदी मांग सिन्दूरवा / भोजपुरी
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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हाथ में मेंहदी मांग सिंदुरवा
बर्बाद कजरवा हो गइले
बाहरे बलम बिना नींद ना आवे
बाहरे बलम बिना नींद ना आवे
उलझन में सवेरवा हो गइले
बिजुरी चमके देवा गर्जे घनघोर बदरवा हो गइले
पापी पपीहा बोलियाँ बोले पापी पपीहा बोलियाँ बोले
दिल धड़के सुवेरवा हो गइले
बाहरे बलम बिन नींद न आवे
उलझन में सुवेरवा हो गइले
आ...................................
अरे पहिले पहिले जब अइलीं गवनवा
सासू से झगड़ा हो गइले
बाकें बलम पर...अहा अहा
बांके बलम परदेसवा विराजें
उलझन में सुवेरवा हो गइले
हाथ में मेंहदी मांग सिंदुरवा
बर्बाद कजरवा हो गइले