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हाथ हथकड़ी पाया बेड़ी गले मै चोप गिराया क्यू / मेहर सिंह

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वार्ता- दोनों भाईयों को दरबार में पेश किया जाता है तो दोनों भाई राजा के सामने क्या अर्ज करते हैं सुनिए रागनी में-

हम दुखियारे गरीब बेचारे इतना जुल्म कमाया क्यूं
हाथ हथकड़ी पांया बेड़ी गले मैं चोप गिराया क्यूं।टेक

सौदागर के माल ताल का हमने चार्ज जा लिया
चुस्ती और चालाकी से फिर पहरा सारी रात दिया
पिच्छत्तर रौंद घले पेटी मैं चारजर ओवर लोढ़ किया
फिक्स बैनट कर राईफल उपर बज्र केसा करया था हिया
इतने काम करे थे हमने फिर भी ब्रहम दुखाया क्यूं।

दूसरी कली नहीं मिल पाई है

दिन लिकड़या और पीली पाटी हम दोनूं भाई चाल दिये
सब हथियार करे कब्जे मैं रौंद ठिकाणैं घाल दिये
सौदागर को जगा दिया ज्यूं का त्यूं धन माल लिये
हम अपणें घरनै जां सां तू अपणा जहाज सम्भाल लिये
फेर बेइमान उस सौदागर नै झूठा पलमा लाया क्यूं।

तकदीरां तै बात बणै इसमैं क्या पछताणा है
ये तो हमनै सोच लिया मतलब के साथ जमाना है
हाड मांस का बण्या पुतला मिट्टि मैं मिल जाणा है
उस ईश्वर के भजन बिना व्यर्था ही जन्म गवाणा है
मेहर सिंह इस दुनियां मैं आ कै इतना तूं गर्भाया क्यूं।