भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हाय-हाय गलीये गलीये घुमऽ हइ बरइबा / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हाय-हाय गलीये गलीये घुमऽ हइ बरइबा
पान खइहऽ हो बचे
हाय पान खइहऽ माति जइहऽ हो बचे
हाय मइया मन्दोदरि बहिनी सहोदर
ओही सम्हारिहऽ हो बचे
हाय गलीये गलीये घूमऽ हइ गोआरिन
दूध पियबऽ हो बचे
हाय दूध पियबऽ माति जइबऽ
कोन सम्हारिहऽ हो बचे
हाय मइया मन्दोदरी बहिनी सहोदरि
ओही सम्हारिहऽ हो बचे
हाय गलीये-गलीये घूमऽ हइ मलीनिया
सेहरा पेन्हिहऽ हो बचे
हाय सेहरा पेन्हिहऽ माति जइहऽ
कोन सम्हारिहऽ हो बचे
हाय मइया मन्दोदरी बहिनी सहोदरि
ओहि सम्हारिहऽ हो बचे
हाय गलीये गलीये घूमऽ हइ दरजीयबा
जोड़बा पेन्हिहऽ हो बचे
हाय जोरबा पेन्हिहऽ माति जइहऽ
कोन सम्हारिहऽ हो बचे
हाय मइया मन्दोदरि बहिनी सहोदरि
ओही सम्हारिहऽ हो बचे