हारा रे मोरे भाई नाथ मै / निमाड़ी
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हारा रे मोरे भाई नाथ मै,
हारा रे मोरे भाई
(१) एक बंद ढूंढा सकल बंद ढूंढा,
ढूंढत ढूंढत हारा
तीरथ धाम हम सब ढूंढी आया
प्रभू मिले घटमाही...
नाथ मै हारा रे...
(२) नही मेरा यारा नही मेरा प्यारा,
नही मेरा बन्धू भाई
तुम बिन मोहे कोण उभारे
लेवो बाव पसारी...
नाथ मै हारा रे...
(३) प्राण बाण सब छुटण लागे,
मन भयो भय भारी
प्रेम कटारी लगी हिरदे मे
ऊबौ हुयो नही जाय...
नाथ मै हारा रे...
(४) नही हम इस पार नही हम उस पार,
सागर भरीयो अपार
बिना मंऊत यो शीर डुबत है
कुंज डुब्यो जल माही...
नाथ मै हारा रे...
(५) दिन दयाल कृपा करो हम पर,
गरीब नू काज सुधारो
कहत कबीरा सुणो भाई साधू
जोत म जोत समाणी...
नाथ मै हारा रे...