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हार के लिए कभी नहीं मलाल कीजिए / मनोज मानव

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हार के लिए कभी नहीं मलाल कीजिए.
जीत के लिए पुनः-पुनः धमाल कीजिए.

आन बान शान से जिये सदैव जिंदगी,
लोभ के लिए कभी नहीं बवाल कीजिए.

बार-बार जो करे अमान्य बात देश में,
पीट-पीट, पीट-पीट पीठ लाल कीजिए.

तौलता सदैव ईश कर्म को सुनार सा,
धर्म के अनेक काम बेमिसाल कीजिए.

राह मोक्ष की अमूल्य अर्थ पूर्ण कर्म हैं,
कर्म पूर्व भी सदैव याद काल कीजिए.

जिंदगी शरीर से न भूलिए इसे कभी,
रोज-रोज ले नशा बुरा न हाल कीजिए.

झूठ-झूठ सिर्फ़ झूठ सोचिये कभी नहीं,
सत्य जो छिपा हुआ उसे बहाल कीजिए.
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आधार छन्द-चामर (15 वर्णिक)
सुगम मापनी-गाल 7 + गा
पारम्परिक सूत्र-र ज र ज