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हालिड़े हालिड़े हल घड़वा ले ओरणा / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हालिड़े हालिड़े हल घड़वा ले ओरणा घड़वाले हरियल बांस का
आया हो हालिड़े साढज मास बाजरा तै बोदे डूंगे क्यार में
थारा हो हालिड़े देस कुदेस बासी तै टुकड़े खाटी राबड़ी
म्हारा रे गोरी देस सुदेस दामण तै ऊपर चून्दड़ी
थारा रे गोरी देस कुदेस पाटी घघरिया धोली लूगड़ी
आइये हो हालिड़ा म्हारैड़े देस चावल रांधू ऊजले
आइये रै गोरी म्हारैड़े देस तील सिमादें रेसमी
हालिड़े हो हालिड़े हल घड़वा ले ओरणा घड़ाले हरियल बांस का