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हा आब प्राण हमर स्वामी के बचतै। / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हा आब प्राण हमर स्वामी के बचतै।
हा केना कऽ रचना पोखरिमे रचबै जै यै।
हौ तखनी जवाब फुलवंती साजैय
अँचरा के खोलिके अरजी करैय
सुन हे स्वामी स्वामी नरूपिया
हम नइ जनलीयै बेइमनमा अयलै
चोरबा जानिके चीठी लिखलीयै
बाबू लगमे चीठी गयलै
दल-फुल साजि के बाबू अबै छै
हा हमरा अँचरामे बास होइयौ
तोहर जान हम स्वामी बचेबऽ
हम तोहर जान स्वामी बचेबऽ
चोरबा नै भेटते परबा पोखरिमे
घुरि के बाबू पोखरिसे जयतऽ
युग युग राज मोरंगमे हम करबै यौ।।