हिंदी वाली मेरी मैडम / प्रकाश मनु

हरदम हँसती ही रहती है
हिंदी वाली मेरी मैडम।
हँस-हँसकर मुझको समझाती,
हँसते-हँसते पाठ पढ़ाती।
कभी सुनाती गीत सुरीले,
नई कहानी कभी सुनाती।
कभी न गुस्से से झुँझलाती,
कभी न मुझको डाँट पिलाती।
जैसे फूलों की हो क्यारी,
मेरी मैडम प्यारी-प्यारी।

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