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हिंदी / हरीश करमचंदाणी

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हिंदी बोली
हिंदी दिवस सेलिब्रेट कर लिया
स्तब्ध मैं परेशान हो गया
समझ गयी वह
इसमें क्याहैं
तुम लोगो के बीच ही तो रहती हूँ मै
 फिर क्या उतर देता
  
अपनी भाषा देख रहा हूँ