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हिन्दु रो देवता खड़ा खड़ा / छोटे लाल मंडल
Kavita Kosh से
एक बुढ़िया ने फुल बेची के,
करै गुजारा तीरथो में,
एक दिन कुत्ता विष्टा कैलकै,
जगह भेलै अपावन में।
फूलो माला से ढकी देलकै
बुढ़िया बड़ी चतुराई सें,
देखा देखी फूलो सभ्भे चढ़ावै
बड़का देवता छै मानी के।
आमदनी केरो भरमार देखी के
झगड़ै हिन्दु मुसलिम भाय,
लाठी पैनो डंटा के वरसा,
भेंट चढ़ावा हम्मीं पांव।
ममला उठलै कोट कचहरी,
जांचें लागलै धियान जमाय,
हिन्दु रो देवता खड़ा खड़ा रहै
मुसलोन के पड़ा समाय।
जातिवाद सम्प्रदाय वाद के झगड़ा भारी,
देखै तनिसा फूल हटाय,
नै देखै छै खड़ा खड़ा छै
नै देखै छै पड़ा समाय।
यहाँ ते गहमकै सड़लो विष्ठा,
महामारी के भय वड़ा,
नै खड़ा खड़ा नै पड़ा पड़ा छै
छै विल्कुल गंदा सड़ा सड़ा।