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हिम जो झरे / कुँवर दिनेश
Kavita Kosh से
1
हिम धवल -
धरा पर उतर
हो रहा जल!
2
आकाश झुके
हिम के स्वागत में
हवा भी रुके!
3
पवन रुके
हिम जब झरता -
मेघ भी रुके!
4
भू की तृषा से
हिम बरसता है
देव-कृपा से!
5
हिम जो झरे
कंक्रीट का शिमला
घावों को भरे!
6
बर्फ़ का हौआ
ख़ामोश शहर में
उड़ता कौआ!
7
हवा बर्फ़ानी -
सामना करने की
पेड़ों ने ठानी।
8
पेड़ चीड़ के
बर्फ़ में भी रहते -
हरे के हरे!
9
झोंके हवा के -
धौलाधार से आते -
बर्फ़ मिलाके!
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