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हिम साफ़ कर रहे हैं मज़दूर / ओसिप मंदेलश्ताम

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शान्त उपनगरों में
बेलचों से
हिम साफ़ कर रहे हैं मज़दूर
और मैं एक राहगीर
गुज़र रहा हूँ वहाँ से
कुछ दढ़ियल पुरुषों के साथ

सिर पर स्कार्फ़ लपेटे
स्त्रियाँ झिलमिला रही हैं
आवारा कुत्ते चिंचोड़ रहे हैं हड्डियाँ
और ढाबों और घरों में
उबल रहे हैं
रंग-बिरंगे समोवार

(रचनाकाल :1913)

मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए
            Осип Мандельштам
      В спокойных пригородах снег

В спокойных пригородах снег
Сгребают дворники лопатами;
Я с мужиками бородатыми
Иду, прохожий человек.

Мелькают женщины в платках,
И тявкают дворняжки шалые,
И самоваров розы алые
Горят в трактирах и домах.

1913