Last modified on 1 सितम्बर 2013, at 13:15

हिया में जब धइल गइल तनी-तनी सा बात के / मनोज भावुक

हिया में जब धइल गइल तनी-तनी सा बात के
असर बहुत-बहुत भइल तनी-तनी सा बात के

कहीं प फूल झर गइल कहीं प फूल खिल गइल
अलग-अलग असर भइल तनी-तनी सा बात के

जे जिन्दगी के हाल-चाल उम्र भर लिखत रहल
ऊ राज ना समझ सकल तनी-तनी सा बात के

ई मन बहुत मइल भइल तनी-तनी सा बात से
बेकार में ढोअल गइल तनी-तनी सा बात के