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हीरे-पन्ने / बालकृष्ण गर्ग

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भोले-भाले नैन हमारे,
बैन तोतले, प्यारे-प्यारे।
हम सबकी आँखों के तारे-
चंचल, निश्छल नन्हें-मुन्ने।

खेलें-कूदें भर किलकारी,
हँसी-खुशी से अपनी यारी।
दमकाएँगे दुनिया सारी
हम भारत के हीरे-पन्ने।
[बालक, फरवरी 1978]