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हुंण वो कतायें जो नसदा वो धुडुआ / हिमाचली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हुंण वो कतायें जो नसदा वो धुडुआ
बापुएं लडें तेरे ओ लायी

रिडिया ता रिडिया धुडू भला नसदा
नालें ता खोलें गौरां तोपदी

कजो वो कुआरी बाबुल दे घरें
अज वो ब्याइयाँ कजो भला छोडदा

गौरां ता गोरां हक्कां वो लाइयाँ ळ
गोरां ता हक्का ना वो सुनदी

मगरियां चालीं चल मेरे धुडुआ
नाजुक पैरां छाले ओ आये

छन्द छन्द धुडुआ भाली ओ लयां
नाजुक लत्ता ना चलदी

मलिया रा कूड़ा मलिया सुटना
ना तेरी धीयाँ ना तेरी जोतनी

असं भला होंदे मलिया रे जोगी
तू ता हुंदी राजे दे बेटी

उचेयाँ कैलाशा शिव मेरा बसदा
कुन वो ग्लांदा गौरां नी बसदा

हुंण वो कतायें जो नसदा वो धुडुआ
बापुएं लडें तेरे ओ लायी