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हुआ जो हासिल बहुत ही कम है / कैलाश झा 'किंकर'
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हुआ जो हासिल बहुत ही कम है
समय बहुत लगता बेशरम है।
बिगाड़ा अपनों ने खेल मेरा
किसी भी दुश्मन में तो न दम है।
ज़मीर की सुन रहा हूँ यारो
तभी तो मेरा सधा क़दम है।
सवाल कर मत जवाब माँगो
मेरा करम तो मेरा करम है।
किसी से मेरी नहीं शिकायत
खुशी नहीं तो ज़रा न ग़म है।
ज़रूर सोचो भविष्य किंकर
यहाँ तो जो है फ़कत वहम है।