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हुआ प्यार का यह असर मिलते-मिलते / गुलाब खंडेलवाल


हुआ प्यार का यह असर मिलते-मिलते
कि झुकने लगी है नज़र मिलते-मिलते

हटा रुख़ से परदा न बेगानेपन का
कोई रह गया उम्र भर मिलते-मिलते

न था दिल का कोई ख़रीदार तो क्या!
चले सबसे हम राह पर मिलते-मिलते

नहीं खेल है उनकी आँखों को पढ़ना
कि मिलती है दिल की ख़बर मिलते-मिलते

गुलाब! आप कितनी भी ख़ुशबू छिपायें
नज़र कह गयी कुछ मगर मिलते-मिलते