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हुआ सबेरा / मुस्कान / रंजना वर्मा

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हुआ सबेरा चिड़ियाँ चहकीं
बच्चों आँखें खोलो।
नींद भगाओ, सपने तोड़ो,
अब झटपट मुँह धो लो।

नित्य क्रिया से निबटो फिर
माँ से लेकर कुछ खाओ।
बस्ता उठा किताबें खोलो
अपना पाठ सुनाओ।

सुबह सबेरे याद करो तो
ज्यादा याद रहेगा।
मेहनत से यदि पढ़ा करोगे
तो जग भला कहेगा॥