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हूँ मैं अपने ही भीतर / फ़ेर्नान्दो पेस्सोआ

भागा वह जो आदमी
अपने पैदा होने के बाद
वह हूँ मैं
किसी ने क़ैद किया मुझे मेरे ही भीतर
जहाँ से छूटने में कामयाब रहा मैं

खोजती है मेरी अंतरआत्मा ख़ुद को
पहाड़ी चोटियों और घाटियों में
यक़ीन है मुझे
मिलने से रही मेरी आत्मा मुझे कभी