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हेत री हांती / सांवर दइया

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सुण रे व्हाला भाई !
बां री तो मनस्या है आ ई
कै चौफेर चालै चौईसूं घंटा
बैर – नफरत
अर ईसकै री आंधी
पण आपां नै
मिनख री मुगती खातर
लड़ण नै टुरियां हां
तो लै आव
आपां बांटां घर-घर
हेत री हांती ।