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हेलो / सांवर दइया
Kavita Kosh से
भोर छोरी रै
हाथां सूं छिटकग्यो
सिंदूर भरियो घड़ो
बिरछां माथै
चिड़कल्यां करण लागी
चीं-चीं … चीं-चीं
चूल्हा चेत्या
पगां में सुळबुळाट
एक हेलो-
उठो
काम माथै हालो !