हे अंगोॅ के अंगराज / राजकुमार
हे अंगोॅ के अंगराज, तोंय कहाँ मगन छौ, आबोॅ नी
घर तोरोॅ मंझान, आय फनु, आबी दिया, जराबोॅ नी
जहनु छाँ, असर्हे में चंचल, कोरा लेनें, गंगा के
औढरदानी, बाट जोहतें, लेनें संग, भुजंगा के
हे सूरज के तेज, उतरि, अँगिया केॅ, हिया जुड़ाबोॅ नी
हे अंगोॅ के अंगराज, तोंय कहाँ मगन छौ, आबोॅ नी
विक्रमशिला-किला तोरोॅ बिनु सुन्नोॅ बिकल कलपथैं छौं
चम्पक-पूत सुधन्वा अभियो, घोड़ा लेली लड़थैं छौं
हे कौन्तेय-कांति, आबी केॅ, विजय-ध्वजा फहराबोॅ नी
हे अंगोॅ के अंगराज, तोंय कहाँ मगन छौ, आबोॅ नी
आकुल छौं अजगबी, बीच गंगा में, दरसन पाबै ली
बलि-पुत्र, ऋषि शृंगि, अंगिरा, लोमश सिद्ध समाबै ली
सुवन कवच-कुण्डलाधारी, फनूँ एकतुरी बहराबोॅ नी
हे अंगोॅ के अंगराज, तोंय कहाँ मगन छौ, आबोॅ नी
सती चण्डी रोॅ, सत्य छिखौं, साटी केॅ, हिया जुड़ाबै ली
सती बिहुला, अँचरा फैलैलें छौं, सनेह बरसाबै ली
अंगराज मधुसूदन के, आबी अनुराग जगाबोॅ नी
हे अंगोॅ के अंगराज, तोंय कहाँ मगन छौ, आबोॅ नी
जगलोॅ छौं मंदार, साथ लेनें, विराटतम छाती के
अंग महाजनपद, आसोॅ में, छिखौं बारनें, बाती के
हे अंगेश! घटा घन ससरी, सरस सुधा, सरसाबोॅ नी
हे अंगोॅ के अंगराज, तोंय कहाँ मगन छौ, आबोॅ नी