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हे जन आओ / कुँअर रवीन्द्र
Kavita Kosh से
हे जन आओ!
हे गण आओ!
भ्रष्ट तंत्र के सम्मुख
शीश नवाऒ
आओ जन!
गाओ जन गण मन.
हे गण गाओ
भारत भाग्य विधाता
जय हो
अधिनायक जय हो
जन गाए
गण गाए
मन गाए
मेरा देश महान
जय हो