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हे दे सोई हे साड़’र मास / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हे दे सोई हे साड़’र मास, हे दे उठा हे कात्यक मास
हे तम पीलंग भरा के देयां नै सुवाओ
हे तम देयां नै सुवा कै गंगा जी पहुंचाओ
हे तम गंगा जी पहुंचा के गौ धरम कराओ
हे तम गौ धरम करा के खीर रंधाओ
हे तम खीर रंधा के बीपर जिमाओ
हे तम बीपर जिमाके दिछणा दिलाओ