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हे भगवान भरोसै तेरै छोड़ बहू नैं चाल पड़्या / मेहर सिंह

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सेठ ताराचन्द

सुती छोड़ दई सेठाणी बिस्तर पर तै हुया खड़्या
हे भगवान भरोसै तेरै छोड़ बहू नैं चाल पड़्या।टेक

चन्द्रगुप्त पूत जण कै मां बणी चोरटी हत्यारी
मां बापां तैं हुअया अलैहदा हे मालिक तेरी गत न्यारी
हापुड़ के म्हां करणी होगी मंशा की ताबेदारी
ओर किसे का दोष नहीं मेरे रूस गये खुद गिरधारी
क्युकर ठाऊं उठता कोन्या यो हरिचन्द आला जबर घड़ा।

क्युकर छोडूं ना छोड़ी जाती सब तरियां लाचार बण्या
ओढ़ पहर सिंगर रही गौरी इस गौरी का भरतार बण्या
न्हाणा धोणा सब छूटग्या इसे बख्त बेकार बण्या
उस ईश्वर की मेहर फिरी जब मेरा-तेरा प्यार बण्या
दोनूं आंख बांध ब्याही थी राही म्हं दिया गाड़ छड़ा।

जितनी जीन्स तेरे पिता की तार जहाज तैं तलै धरी
बेरा ना कुण खसम बणैगा धन की नई सन्दूक भरी
ओढ़ पहर सिंगर रही गौरी सिर पै चमकै चीर जरी
मैं मुलजिम सूं धर्मराज कै माफी दे दिये मनैं परी
तोते की गलती म्हं देख्या यो काबुल का अंगूर सड़्या

सुती उठ सजन टोहवैगी रोवैगी अखियां खोल परी
टापू म्ळं ना जहाज दिखै कूण पटावै तोल परी
केसरी कैसी ढेरी मेरी लुटज्यागी बेमोल परी
मेहर सिंह कै आगै प्रेम की साच्ची बाणी बोल परी
दिल्ली के म्हं जाता दिखै यो ताराचन्द का नाश खड़्या।