मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हे भोला हमर अनमोला, हमर दुखहारी
आब दर्शन दियऽ त्रिपुरारी
नाथ, नैया पड़ल मझधार यो
नाथ, क्यो नञि उतारै पार
अय गौरी के बर त्रिशुलधारी
आब दर्शन दिअ त्रिपुरारी
नाथ, दुख नहि सहल जाइ आब यो
हर, राखू शरण सरकार यो
अय अशरण ढरण, दीन-दुखीक हरण सुखकारी
आब दर्शन दियऽ त्रिपुरारी