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हे होली उमंग / रमेशकुमार सिंह चौहान
Kavita Kosh से
हे होली उमंग, धरे सब रंग, आनी बानी, भाथे ना।
ले के पिचकारी, सबो दुवारी, लइका ताने, हाथे ना।।
मल दे गुलाल, हवे रे गाल, कोरा कोरा, ओखर गा।
वो करे तंग, मया के रंग, तन मन तोरे, चोखर गा