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हैरान हैं कि / कात्यायनी
Kavita Kosh से
हैरान हैं कि
लोगों ने दुश्मनियाँ भुला दीं ।
देखना होगा
हमीं से कहीं कोई
ग़लती हुई होगी।
रचनाकाल : सितम्बर 1997