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है खुशनसीब दिल अगर वह दिल के पास आयेगा / रंजना वर्मा

है खुशनसीब दिल अगर वह दिल के पास आयेगा
हमारे प्यार की ग़ज़लें जमाना गुनगुनायेगा

है बदगुमानियाँ अगरचे फासले भी दरमियाँ
ठहर गयीं जो दूरियाँ वो अक्स टूट जायेगा

ये मादरे-वतन मेरी ये रूह मेरी जान है
इसी में हो दफन ये तन मेरा सुकून पायेगा

जिहाद कह के तू न दहशतों का एहतराम कर
कि दहशतों से सिर्फ़ जिस्म ही कफ़न ये पायेगा