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है प्यारो निज नाम निहारो / संत जूड़ीराम

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है प्यारो निज नाम निहारो।
अक्षर शब्द-शब्द उरभासत परमधाम पर पूरन न्यारो।
है सतसंग संग मन राचौ ध्यान सिमतिकर सुरत समारो।
रूप न रेख धूप नहिं छाया नहिं काया फल कर्म पसारो।
जूड़ीराम विचार पुकारें सतगुरु शब्द भयो उजयारो।