है ये वादा मेरा / बाल गंगाधर 'बागी'
अब तो निकलेगा मज़लूमों1 का काफिला
बंद होगा ज़ुल्म जो है होता रहा
झोपड़ी से निकलते भी सैलाब क्या
अब न बादल ये बरसेगा वादा रहा
ज़ुल्मों की आंधियां, ऊपर से बिजलियां
इनका होगा निशां ना, है वादा मेरा
गोद में कितनी किलकारियां सो गई
पेट में माँ के जब थे निवाले नहीं
ठंड से जम गया जो, ठिठुरता हुआ
अब न आलम ये होगा, है वादा रहा
ज़ुल्मों की आंधियां, ऊपर से बिजलियां
इनका होगा निशां ना, है वादा मेरा
गैरतों जिया, कोई घुट के मरा
सर उठा के चला, कोई गिरता रहा
मखमली नींद लेता, कोई धूल में
ये समां न रहेगा, है ये जिसने किया
ज़ुल्मों की आंधियां, ऊपर से बिजलियां
इनका होगा निशां ना, है वादा मेरा
कहीं लाचार दुनिया, कहीं शान हैं
कहीं रातें हें रोती, कहीं जाम है
चाँदनी उनकी रातों में होती नहीं
जो कई रात भूखा तड़पता रहा
ज़ुल्मों की आंधियां, ऊपर से बिजलियां
इनका होगा निशां ना, है वादा मेरा