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है सभी बंधु अपने सगे / योगक्षेम / बृजनाथ श्रीवास्तव

लोग बैठे हुए
सुन रहे जो ठगे
हैं सभी बंधु अपने सगे

साथ में हम रहे
एक पूरी उमर
साथ में हम चले
जिन्दगी की डगर

लोग बैठे हुए
लग रहे रस पगे
हैं सभी बंधु अपने सगे

साथ में सुख सहे
साथ खाये पिये
और हर मोड़ पर
हाठ पकड़े जिये

लोग बैठे हुए
रात भर जो जगे
हैं सभी बंधु अपने सगे

आपसे नेह के
मंत्र हमने लिए
जाप मैने किए
गीत हमने जिए

आपके साथ में
जोग सारे लगे
हैं सभी बंधु अपने सगे