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है सोच दरीदा तो दरीदा है रूह / रमेश तन्हा
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है सोच दरीदा तो दरीदा है रूह
इफ्लासे-खमीदा की खमीदा है रूह
कैफ़ीयते-दिल का है करिश्मा अहसास
खुशियां हैं जो दिल में तो दमीदा है रूह।