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होंटो पे ये मुस्कान कहां से आई / रमेश तन्हा

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होंटो पे ये मुस्कान कहां से आई
ये दौलते-विजदान कहां से आई
किस वादी-ए-इरफां से है, बच्चों तुझ में
अल्लाह की ये शान कहां से आई।