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होए ससुर मेरा भी छोह मैं आवै / मेहर सिंह

होए ससुर मेरा भी छोह मैं आवै .... सासु दे सै गाऴ मेरी ...
हो परदेसी तनै आण कै ....क्योना लई सम्भाऴ मेरी ...
ओढण-पेहरण और सिंगरण की ... कती छूटगी ढाऴ मेरी ...
मैं ओढूं-पहरूं तै ताने दे ... एक छोटी ननद चिंडाऴ मेरी ....
ओढूं-पहरूं तै ताने दे ... एक छोटी ननद चिंडाऴ मेरी ....
देखे रंग तैं हों सैं ... हो रंग तैं हों सैं ...
हां गैल पती के .. तूं घाल गोह्ज मैं लाड लेग्या
करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...
हो परदेसी ... गैल मेरे भी, बांध क्योंना हाड लेग्या ...
करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...