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होतियै हुलास / कस्तूरी झा 'कोकिल'

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तोरा बिना रही रही
लोर चूयै छै।
कहियो नै हँसी खुशी
भोर हुयै छै।
चिड़ा चिड़ी मिली जुली
गावै छै गीत।
तोरा बिना कहाँ कोय?
हमरा छै मीत।
जोड़ा-जोड़ी मिली केॅ
घूमै बाजार।
तोरा बिना हमरा लेल
सूना संसार।
फागुन मेॅ रात दिन
गमकौवा बयार।
तोरा बिना मारै छै
हमरा कटार।
पता ठिकानोॅ जोॅ
तोरऽ मिली जैतियै।
पैरोॅ मेॅ हाथोॅ मेॅ
पाँख लागी जैतियै।
उड़ी मिली यैतियै जी
होतियै हुलास।
कानबऽ घुटी जैतियै हे
मधुर-मधुर हास।

30/03/16 रात्रि आठ चालीस