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होती पहले ही यदि आपकी नीयत साफ़ / सांवर दइया
Kavita Kosh से
होती पहले ही यदि आपकी नीयत साफ़।
सच जाने, इतने लोग नहीं होते ख़िलाफ़।
उस वक़्त तो नहीं किया था ज़रा भी ख़याल,
सभी गलतियां अब क़बूलने चले हैं आप।
आपको देखते ही ताज़ा हो रहे ज़ख्म,
बहुत मुश्किल है, अब कर दें बिल्कुल माफ।
आज़ादी में यह इजाफ़ा आपके हाथों,
अंधेरा दिखाया जिसने भी मांगा जबाब।
किले ढहने के अलावा आपके साथ भी,
वही होगा, जो इतिहास में लिखा है साफ़।