मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
होरी केये संग खेलब माधव हमरो विदेश
अपनो ने आबथि, लिखि ने पठाबथि
लिखियो ने भेजथि उदेश, होरी केये संग
होरी केये संग खेलब, माधव हमरो विदेश
केये संग रंग मचाउ हे सखि
आब तऽ होरी बीति गेल, होरी केये संग
होरी केये संग खेलब, माधव हमरो विदेश
बृन्दावनमे कुंजगलिन मे
केये मोर करत उदेस, होरी केये संग
होरी केये संग खेलब, माधब हमरो विदेश
राधा करत उदेश, होरी केये संग
होरी केये संग खेलब, माधव हमरो विदेश