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होरी गीत-होरी खेले कुंवर नंद लाल / धीरज पंडित

होरी खेले कुँवर नंद लाल
सखा संग बरजोरी...होरी खेले....

भरी-भरी केऽ मारे पिचकारी
भींगी-भंगी सखियन दै छै गारी
होरी के यही कमाल सखा संग बरजोरी... होरी...

राधा भींगेऽ रूकमणि भींगेंऽ
कान्हा केऽ संग गोपी भींगंेऽ
उड़े अबीर गुलाल-सखा संग बरजोरी... होरीकृ

प्रेम सऽ भींगे चोली-साड़ी
अम्बर लाल रूमाल कऽ गारी
ताही बीच उठे धमाल-सखा संग बरजोरी... होरी...

बाजे-ढोलक-झाल-मंजीरा
गांवेऽ दे-दे ताल जोगिरा
रहैऽ न´ कोनो मलाल-सखा संख्या बरजोरी... होरी...

भारत मऽ वृन्दावन नीकोऽ
नर-नारी मऽ प्रेम कऽ सीखोऽ
नर-नारी मऽ प्रेम कऽ सीखोऽ
”धीरज“ केऽ यही सवाल-सखा संग बरजोरी

होरी खेले कुँवर नंद लाल
सखा संग बरजोरी...