भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
होली आई रे फूलां री जोड़ी झरमटीयोले / हरियाणवी
Kavita Kosh से
हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
होली आई रे फूलां री जोड़ी झरमटीयोले
ओ कोन खेले रे होली के फाग
किस बीरे के हाथ में मोतियां की माला
किस बीरा के हाथ में गुलाब की छड़ी
होली खेलो रे होली खेलो रे ऋतु फागुन की