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होली बनइबइ दुनु परानी / सिलसिला / रणजीत दुधु
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दु-दु महीना कूहा घेरलक
पड़ते रहलइ पानी
होली कइसे मइनयो धानी
होली कइसे मनइयो धानी
मउसम चाहे कतनो जुल्म ढा ले
तो हम्मर राजा हम रानी
होली मनइबइ दुनु परानी
लाही पाला चाट गेलइ तेलहन
हाथ न´ चढ़लइ तनिको अबरी दलहन
परकिरती कइलक ढ़ेर मनमानी
होली कइसे मनइयो धानी-2
मारा दाहा तो रोज होते रहतइ
ई परब न´ साल में फेर घूर अइतइ
सुख दुख तो अइते जइते रहतइ
जीवन के असली कहानी
होली मनइबइ दुनु परानी-2
आधो पेट खइबइ पर परब मनइबइ
परकिरती के कोप से न´ हम डेरइबइ
निकसुख रहे तोर जवानी
होली मनइबइ दुनु परानी-2
हँसी खुशी के अबीर कसके उड़इबइ
परेम रंग में एक दोसर के डूबइबइ
नाचवइ गइवइ झूम झूम के
गले गले दिलवर जानी
होली मनइबइ दुनु परानी-2