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हो-हो हैया जी / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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हा-हा-ही-ही-हू-हू करते,
साल बिताया भैया जी।
पिज्जा वर्गर चाऊमीन सा,
माल उड़ाया भैया जी।

इस होली में नानी के घर,
कितने मज़े उड़ाये थे।
नानाजी पिचकारी के संग,
टेसू के रंग लाये थे।

गुझिया खाकर मामी के संग,
नाचे ता-ता थैया जी।

दीवाली में फुलझड़ियों से,
फूल झरे थे मस्ती के।
दिए जलाये हर कोने में,
हमने अपनी बस्ती के।

धूम धड़ाका हल्ला गुल्ला,
करते हो-हो हैया जी।

नए साल आने की खुशियाँ,
तो हम ख़ूब मनाएंगे।
गए साल की मीठी बातें,
बिसरा हम क्या हम पाएंगे?

भरे रहेंगे स्मृतियों के,
हरदम ताल तलैया जी।