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हो गया बदनाम / नरेन्द्र दीपक
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हो गया बदनाम तेरे नाम पर
मच गया कुहराम तेरे नाम पर।
ज़िन्दगी में कुछ नहीं तेरे सिवा
कट रही हर शाम तेरे नाम पर।
आँधियों ने क्या कमी की थी भला
सह गया परिणाम, तेरे नाम पर।
जी रहा हूँ ख़ूबसूरत ज़िन्दगी
हर सुबह, हर शाम तेरे नाम पर।
पी गया विष-पात्र जग ने जो दिये
समझ कर मैं जाम, तेरे नाम पर।
कौन करता याद ‘दीपक’ को यहाँ
चल रहा है नाम, तेरे नाम पर।