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हो सारा संसार बराबर / रणजीत

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कर दो सबको यार बराबर !
हो सारा संसार बराबर !

मालिक और मजूर बराबर
बाम्हन और चमार बराबर !

एक एक को दस-दस बँगले
यह अन्याय अपार बराबर !

रोटी कपड़ा घर इलाज पर
सबका हो अधिकार बराबर !

पाँच उँगलियाँ नहीं एक-सी
बात तुम्हारी यार बराबर !

दुगुनी नहीं पर कोई उँगली
यह अंतर स्वीकार बराबर !

धन, धरती पानी बँट जाये
यंत्र, तंत्र, औजार बराबर

उत्पादन के हर साधन पर
श्रमकर का अधिकार बराबर !

कुदरत बराबरी की हामी
उसका है व्यवहार बराबर !

हर प्रजाति के भीतर देखो
रूप, रंग, आकार बराबर !

फूल-फूल तितली -तितली में
समता का विस्तार बराबर !

कुछ लोगों के छलबल का फल
विषम विकल संसार सरासर !

इसे बनाना ही होगा अब
इक वैश्विक परिवार बराबर !

जरारोगपीड़ित अशक्त जन
मिले सभी को प्यार बराबर!

काफिर, मोमिन, आस्तिक, नास्तिक
सब के हों अधिकार बराबर !

सबके लिए बने यह पृथ्वी
सुख सुविधा आगार बराबर!