हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हो सून्ने की कुंडली घड़ा तेरे दादा
साजन मल-मल न्हायेंगे
गर्भ करती लाडो गर्भ मत करियो
सून्ने की कुंडली ना होगी
माटी की कुंडली जोहड़ का पाणी
साजन मल-मल न्हायेंगे
हो सून्ने की कुंडली घड़ा तेरे ताऊ
साजन मल-मल न्हायेंगे
गर्भ करती लाडो गर्भ मत करियो
सून्ने की कुंडली ना होगी
माटी की कुंडली जोहड़ का पाणी
साजन मल-मल न्हायेंगे
हो सून्ने की कुंडली घड़ा मेरे बाबू
साजन मल-मल न्हायेंगे
गर्भ करती लाडो गर्भ मत करियो
सून्ने की कुंडली ना होगी
माटी की कुंडली जोहड़ का पाणी
साजन मल-मल न्हायेंगे