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हौसला / अच्युतानंद मिश्र
Kavita Kosh से
रोज़ सुबह
तुम्हारे हृदय के
बाएँ हिस्से में
जहाँ होती है
धड़कन
बैठती है एक चिड़िया
और शाम ढले
उड़ जाती है
उसे उड़ने मत दो