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हौसले की उड़ान रखते हैं / आर्य हरीश कोशलपुरी
Kavita Kosh से
हौसले की उड़ान रखते हैं
औ हथेली पे जान रखते हैं
दिल में रखते हैं प्यार का दरिया
लब पे मुरली की तान रखते हैं
सारी दुनिया में अम्न की ख़ातिर
हम इरादा महान रखते हैं
जानते हैं जवाब भी देना
पर ज़बाँ बेज़ुबान रखते हैं
एक पल का नही भरोसा है
आप इतना ग़ुमान रखते हैं
जब भी बोलें तो सोचकर बोलें
लफ़्ज तीरो कमान रखते हैं