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हौ एत्तेक बात आइ देवता कहै छै / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हौ एत्तेक बात आइ देवता कहै छै
हा बोली-ठोली सती साँमैर मारैय।
सुन सुन हौ स्वामी नरूपिया
धीर अइ जिनगी से मरि आइ जइयौ
हा केना कुमार तऽ बौआ रहतै।
नाम आय हँसी महिसौथामे भऽ जेतऽ हय।।-2
हौ एत्तेक बात सती साँमैर कहै छै
मनमे विचार नरूपिया करै छै
हा ठीके बात सती दुलहिन कहै छै
सुग्गा हीरामनि के ऑडर दै छै
सुनऽ सुनऽ हय सुगा हीरामनि
भागल जइयौ हजमा लगमे
बाखरि गाममे हजमा बसै छै
चन्देसरा जे नाम लगै छै
जल्दी बोलाके आइ हजमा के लाबि दीयौ यौ।
हौ एत्तेक बात सुगना सुनै छै
भागल सुगना हजमा बजबै छै
आ सभुआ लागल महिसौथा लगै छै
झुकि के प्रणाम हजमा देवता के करै छै यौ।
हजमा के देखि देवता ऑडर दै छै
चीठी के लऽकऽ श्यामलगढ़ के भेजै छै
श्यामगढ़ लऽकऽ चीठी जइयौ
श्यामल सिंह के चीठी दइहै
हा खबरिया श्यामल सिंह के कहियै
बदियल बुधेसर जनमल महिसौथामे
तेकरो बिअहबा दिन लऽकऽ जइयौ
मने मन हजमा विचार आइ करै छै
हे देवी दुर्गा जै देवी असावरि
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
प्रेम चंडाल हय राजा लगै छै
जखनी जेबै श्यामलगढ़मे
सात सय बन्हुआ नित बन्है छै
क्षत्री जाति के बेटा लगै छै
केना आय चीठी लऽक जेबै
केना आय चीठी राजा के देबै
केना के दिन राजा मनाके मैया अयबै गै।।