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हौ एत्तेक बात जब भगीना बोलैय / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हौ एत्तेक बात जब भगीना बोलैय
हा तब जवाब मोतीराम दै छै
सुनिलय रौ भगिना दिल के वार्त्ता
सात सय हाथी सतखोलिया से लबीहैं
जोबहा जंगलमे हाथी बिलमबीहै
आ सोनिका-मोनिका रौ ओतय बसै छै
बहुत नोंन हमर दुनु खेने छै
सोनिका-आ मोनिका के अर्जी करीहै
आ जते सखुआ जोबहा बोनमे
साँसे साँसे रौ सखुआ उठबीहे
सात-सय हाथी पर सखुआ लदीहै
लऽकऽ सखुआ कोशीमे अयहै
बीच कोशीमे बान्ह बन्हबै
देखबै पैरूखबा कोशीजी के
पार उतरि कऽ मोरंगमे जयबै रौऽऽ।